कार्तिक मास में तुलसी पूजा विधि , Kartik Maas Me Tulsi Puja Vidhi
कार्तिक मास में तुलसी पूजा विधि , Kartik Maas Me Tulsi Puja Vidhi , कार्तिक मास तुलसी पूजा विधि , कार्तिक में तुलसी पूजा विधि , तुलसी पूजा विधि
कार्तिक मास में तुलसी पूजा विधि , Kartik Maas Me Tulsi Puja Vidhi
कार्तिक मास में तुलसी पूजा करने से पूर्व सफेद रंग के चौक से तुलसी पूजन के स्थान पर लेप कर लेना चाहिए तथा इसके बाद में इसके ऊपर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए।
और तुलसी पूजन आरंभ करने के लिए सर्वप्रथम हम माता तुलसी को जल भेंट करेंगे। इसके बाद स्वास्तिक चिन्ह के ऊपर कुछ तिल के दाने छोड़ते हैं। और स्वास्तिक चिन्ह के ऊपर दीपक जलाते हैं।
कार्तिक के महीने में तिल दान करने का विशेष महत्व होता है इसलिए तुलसी पूजन करते समय तिल का प्रयोग अवश्य करें। और कार्तिक मास में तुलसी पूजा करते समय माता तुलसी जी को वस्त्र के स्वरूप कलावा समर्पित करना चाहिए।
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कलावा समर्पित करने के बाद में माता तुलसी को लाल रंग की चुनरी ओढ़ाकर प्रणाम करना चाहिए। और माता तुलसी को रोली तथा हल्दी समर्पित करनी चाहिए।
तथा माता तुलसी के पौधे पर और पत्तों पर तिलक करना चाहिए। और आपने जो स्वास्तिक चिन्ह बनाया है उसके मध्य में भी तिलक लगाना चाहिए। तथा माता तुलसी को लाल और पीले रंग के पुष्प अर्पित करने चाहिए।
पुष्प अर्पित करने के बाद में तुलसी जी के पौधे के समक्ष धूपबत्ती करनी चाहिए और भोग स्वरूप माता तुलसी के पौधे को सफेद रंग की कोई भी वस्तु भेंट करनी चाहिए। भोग में हम पतासे, बर्फी अन्यथा खीर का उपयोग कर सकते हैं।
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संपूर्ण कार्तिक मास के अंदर इसी तरह तुलसी की पूजा की जाती है और जो जातक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस तरह तुलसी पूजा करता है उसको तुलसी पूजा का पूरा लाभ प्राप्त होता है।