अजमेर दरगाह पर हिन्दू धर्म के निशानों का सच
अजमेर दरगाह पर हिंदू धर्म के निशानों का क्या है सच? क्या वास्तव में ही दरगाह के अंदर है हिंदू धर्म के निशान? या फिर यह कोरी अफवाह है कि दरगाह है में हिंदू धर्म के निशान!
अजमेर दरगाह है से जुड़े तमाम सवालों के जवाब हम आपको इस आर्टिकल में देंगे।
ख्वाजा मोहिद्दीन चिश्ती की अजमेर दरगाह में हिन्दू धर्म के निशानों का सच
दरअसल राजस्थान के अजमेर जिले में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है जिसे अजमेर दरगाह के नाम से भी जाना जाता है। इस दरगाह को मुस्लिम धर्म का सबसे बड़ा आस्था का केंद्र माना जाता है। लेकिन वर्तमान में मुस्लिम धर्म का सबसे बड़ा आस्था का यह केंद्र भी सवालों के घेरे में खड़ा हो गया है।
जिसकी वजह है हिंदू धार्मिक संगठनों द्वारा न्यायालय के समक्ष यह दावा करना कि इस दरगाह के मध्य हिंदू धर्म निशान है। लेकिन इन अदाओ में कितनी सच्चाई है ये पता तो न्यायालय का जवाब आने के बाद ही लगेगा।
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कैसे शुरू हुआ अजमेर दरगाह में हिंदू-मुस्लिम विवाद?
दरअसल अजमेर दरगाह में हिंदू-मुस्लिम विवाद तब शुरू हुआ जब महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यवर्धन सिंह परमार ने कुछ तस्वीरें साझा करते हुए दावा किया कि इन तस्वीरों के आधार पर पूर्णत: है यह कहा जा सकता है कि यहां पहले कोई मंदिर था।
जिसे तोड़ कर बाद में दरगाह का रूप दे दिया गया। लेकिन यदि उन तस्वीरों की बात करें तो उन तस्वीरों में जो दावे किए गए हैं वे दरगाह का सर्वे करने के बाद में पूर्णत: गलत साबित हुए।
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क्योंकि उन तस्वीरों में जो स्वास्तिक का चिन्ह होने के दावे किए गए थे वह पूर्ण रुप से फेल हो गए क्योंकि अजमेर दरगाह की किसी भी खिड़की पर इस प्रकार के स्वास्तिक के चिन्ह नहीं मिले हैं।
महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यवर्धन सिंह परमार ने किसको दी चेतावनी?
महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यवर्धन सिंह परमार ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार समय रहते इस दरगाह की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से नहीं करवाती है तो वह अपने सैकड़ों हिंदू धर्म के अनुयायियों के साथ खुद अजमेर दरगाह की ओर प्रस्थान करेंगे।
हिंदू धर्म के निशानों को लेकर मौलवी ने क्या कहा?
अजमेर दरगाह के मौलवी ने हिंदू धर्म के निशानों को लेकर कहा कि यह सारे दावे झूठे हैं कुछ धार्मिक संगठन सोची समझी रणनीति के साथ प्रदेश में धार्मिक शांति व सौहार्द बिगाड़ना चाहते हैं। तथा उनके द्वारा किए गए अजमेर दरगाह में हिंदू धर्म के निशानों के दावे पूर्ण रूप से फेल है।
सरकार को ऐसा करने वालों के ऊपर त्वरित प्रभाव से कार्यवाही करनी चाहिए ताकि निकट भविष्य में कोई भी व्यक्ति सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने का प्रयास नहीं करें।